अमिताभ के गले लगे शत्रुघ्न, कहा- जोश और स्टारडम ने बढ़ाई थीं दूरियां

आपसी दूरियों की खबरों के बीच अमिताभ बच्चन ने शुक्रवार को शत्रुघ्न सिन्हा की बायोग्राफीएनीथिंग बट खामोशकी मुंबई में लॉन्चिंग की। इवेंट में शत्रुघ्न ने कहा, "मेरे दिल में अमित के लिए बेहद इज्जत है, वो मिलेनियम स्टार हैं। अगर हम दोस्त हैं, तो हमें लड़ने का भी हक है।" शत्रुघ्न ने कहा- सच नहीं लिखता तो ऑनेस्ट बायोग्राफी नहीं होती...


- बायोग्राफी 'एनीथिंग बट खामोश' लॉन्चिंग इवेंट में सोनाक्षी सिन्हा, पूनम सिन्हा और राइटर भारती प्रधान भी मौजूद रहीं।
- शत्रुघ्न की बायोग्राफी में उनके और बिग बी के बीच मनमुटाव और खटास के बारे में कई बातें लिखी गई हैं।
- जब इस बारे में शत्रुघ्न से पूछा गया तो उन्होंने बताया, "ये बातें सब कल की हैं। अगर नहीं लिखता तो यह ऑनेस्ट बायोग्राफी नहीं होती।"
- "इसका मतलब ये नहीं कि आज मेरे दिल में कुछ खटास है। वो जवानी का जोश और स्टारडम का तकाजा था। अगर हम दोस्त हैं, तो हमें लड़ने का भी हक है। अगर आज आप मुझसे पूछें तो मैं कहूंगा कि मेरे दिल में अमित (अमिताभ बच्चन) के लिए बेहद आदर है और मैं उन्हें पर्सनैलिटी ऑफ मिलेनियम मानता हूं।"


और अमिताभ क्या बोले?
- शत्रुघ्न अपनी लेटलतीफी के लिए काफी मशहूर हैं। इस बारे में बिग बी बोले, "कुछ आदतें पैदाइशी होती हैं, उन्हें बदलना नहीं चाहिए।"
- उन्होंने आगे बताया, "उन दिनों हम लोग दो फिल्मों 'शान' (1980) और नसीब (1981) में साथ काम कर रहे थे। सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक 'शान' की शूटिंग फिल्मसिटी में होती थी। फिल्म के क्लाइमेक्स पर काम कर रहे थे। 7 से 2 बजे तक काम करने के बाद हमारी छुट्टी होती थी। मैं गाड़ी से चांदीवली स्टूडियो चला जाता था। ये (शत्रुघ्न) भी अपनी गाड़ी में बैठ चांदीवली निकलते थे। मैं ढाई बजे पहुंचता था और ये 6-7 बजे तक आते थे।"
- अमिताभ ने आगे कहा, "पहुंचना एक ही जगह है, लेकिन ये कहां चले जाते थे? ये मैं आज इनसे जानना चाहूंगा।"
- इस पर शत्रुघ्न बोले, "अब तो बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते। अब बताकर क्या फायदा?"


अटेंशन सीकर हैं शत्रुघ्न
- शत्रुघ्न के बारे में कहा जाता है कि वे लोगों को ओवर शैडो कर अटेंशन बटोरते हैं।
- इस बारे में अमिताभ ने 'बॉम्बे टू गोवा' (1972) से जुड़ा दिलचस्प किस्सा सुनाते हुए कहा, "वे जहां भी रहें, सबका अटेंशन बटोरते हैं। हमने 'बॉम्बे टू गोवा' में काम किया।"
- "फिल्म के एक सीन में मैं अरुणा ईरानी के साथ स्विमिंग पूल के किनारे शूटिंग कर रहा था। शत्रुघ्न के साथ डायलॉग खत्म हो गए थे और वे थोड़ी दूरी पर चले गए थे। तब मैं और अरुणा जी सीन दे रहे थे।"
- "डायलॉग के बीच एक सिगरेट के धुएं का छल्ला हमारे चेहरे के बीच गया। भाई साहब (शत्रुघ्न) पीछे बैठे थे और स्मोक रिंग छोड़ रहे थे, ताकि लोगों का ध्यान अरुणा जी और मुझ पर नहीं, उन पर जाए। लेकिन यह एक बहुत ही खूबसूरत क्वालिटी है।"


बायोग्राफी में शत्रु ने बताया, अमिताभ से कैसे बढ़ी थीं दूरियां?
- शत्रुघ्न ने अपनी बायोग्राफी में लिखा है, "फिल्मों में जो शोहरत अमिताभ बच्चन चाहते थे, वो मुझे मिल रही थी। इससे अमिताभ परेशान होते थे। इसके चलते मैंने कई फिल्में छोड़ दी और साइनिंग अमाउंट तक लौटा दिए।"
- बॉलीवुड कभी अमिताभ शत्रु के दोस्ताना का गवाह रहा है। 70 के दशक में इस दोस्ती में दरार पड़ गई थी। दोस्ती दुश्मनी में कैसे बदली? इस सवाल का जवाब शॉटगन ने अपनी बायोग्राफी में दिया है। शॉटगन आज भी अमिताभ से दोस्ती टूटने को भूल नहीं पाए हैं।
- यह दर्द उनको रह-रहकर परेशान करता रहता है। बायोग्राफी में भी उन्होंने इस दर्द को उकेरा है।
- शॉटगन मानते हैं कि 70 के दशक में बॉलीबुड में उनका कद अमिताभ बच्चन से बड़ा था। इस कारण ही दोस्ती में दरार पड़ी।
- अपनी किताब में शत्रु लिखते हैं कि तब लोग कहते थे कि अमिताभ और मेरी ऑन स्क्रीन जोड़ी सुपरहिट है, पर वो मेरे साथ काम नहीं करना चाहते थे।
- उनको लगता था कि नसीब, काला पत्थर, शान और दोस्ताना में शत्रुघ्न सिन्हा मुझ पर भारी पड़ गए, लेकिन इससे मुझे कभी फर्क नहीं पड़ा।
- काला पत्थर के सेट पर कभी मुझे अमिताभ के बगल वाली कुर्सी ऑफर नहीं की गई। शूटिंग के बाद लोकेशन से होटल जाते हुए कभी अमिताभ ने मुझे अपनी कार में आने के लिए ऑफर नहीं दिया। मुझे ये देखकर आश्चर्य होता था कि आखिर ये क्यों हो रहा है। लेकिन मैंने कभी किसी बात को लेकर शिकायत नहीं की।

- सूत्रों की मानें तो शॉटगन अपनी बायोग्राफी में लिखते हैं कि अमिताभ का फिल्मी करियर बनाने के लिए उन्होंने कई बड़ी फिल्में बिना किसी परेशानी के उनके लिए छोड़ दी। अपनी बायोग्राफी में शत्रु ने लिखा है कि ऐसी कई फिल्में हैं, जो मैंने अमिताभ के लिए छोड़ दी थी। और तो और, मैंने साइनिंग अमाउंट भी प्रोड्यूसर को लौटा दिया।

Source : Bollywood Bhaskar

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